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वाहे गुरू जी || waheguru ji || Guru ki Bani ||

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                         वाहे गुरू जी एक मालिक का प्यारा शख्श जिसका नाम करतार था  वह छोले बेचने का कारज करता था  वाहे गुरू जी || waheguru ji || Guru ki Bani ||  उसकी पत्नी रोज सुबह-सवेरे उठ छोले बनाने में उसकी मदद करती थी  एक बार की बात है कि  एक फकीर जिसके पास खोटे सिक्के थे उसको सारे बाजार में कोई वस्तु नहीं देता हैं  तो वह करतार के पास छोले लेने आता हैं करतार ने खोटा  सिक्का देखकर भी  उस मालिक के प्यारे को छोले दे दिए।ऐसे ही चार-पांच दिन  उस फकीर ने करतार को खोटे सिक्के देकर छोले ले लिए और उसके खोटे सिक्के चल गए और जब सारे बाजार में अब  यह बात फैल गयी की करतार तो खोटे सिक्के भी चला लेता हैं पर करतार लोगों की बात सुनकर कभी जबाव नहीं देते थे.. और अपने मालिक की मौज में खुश रहते थे। एक बार जब करतार अरदास  पढ़कर उठे तो अपनी पत्नी से  बोले --- "क्या छोले तैयार हो गए..?" पत्नी बोली --- "आज तो घर में हल्दी -मिर्च नहीं थी और मैं बाजार से लेने  गयी तो सब दुकानदारों न...

सद्गुरु को दिया वचन उसको पूरा करना है।🙏🏻🙏🏻Rssb🙏🏻🙏🏻

                   *🙏राधास्वामी जी🙏*


उठो गुरु प्यारो नाम जपने का समय हो गया है।

*अमृत नाम महा रस मीठा जिसने पिया उसने सचखण्ड पाया।



*"हर रात के पिछले पहर में एक गजब की (अनमोल) दौलत लुटती है। जो जागते हैं वह पाते हैं जो सोते हैं वह खोते हैं।"*

एक यही वह समय है जिसमें जागने वाला कमाता है
और सोने वाला गंवाता है।

अमृत वेला बड़ा ही सुहाना
चुपचाप है सारा जमाना।
नाम दी माला जपया करो
अमृत वेले उठया करो।।

अमृत वेले अमृत वरसे।
भर-भर अमृत पिया करो।
अमृत वेले उठया करो।। 

🙏🙏🙏
सद्गुरु ने याद किया है जो वादा किया है उसको निभाना है सद्गुरु को दिया वचन उसको पूरा करना है।
🙏🙏🙏
🙏गुरु प्यारो उठो🙏

ड्यूटी का समय हो गया है।

मन लग्गे या ना लग्गे
फर्ज समझ के बैठो।
ड्यूटी समझ के बैठो।
थोड़ी देर तो बैठो।

*भजन-सुमरिन* शरीर से नहीं जी, *मन* से करवाओ...

           🙏🙏राधास्वामी जी🙏🙏

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